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Reena Goyal

Romance

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Reena Goyal

Romance

यादें

यादें

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इंतजार के उस मौसम में ,तेरी यादें महकाती थीं,

अक्सर जो दिल बोझिल होता ,आ चुपके सहला जाती थीं ।


कोमल ,निर्मल ,चंचल जिनको,पाला मैंने इक जीवन सा

देख देख दिल के दर्पण में,प्रेम लुटाया था यौवन सा ।

अंतस के सूने आँगन में ,यादें ही तो मुस्काती थीं ,

अक्सर जो दिल बोझिल होता ,आ चुपके सहला जाती थीं ।


तुझसे मिलकर तुझको जाना ,लब पर तेरी ही बातें थीं ,

रहा रँगीला दिनकर मेरा ,और रसीली सी रातें थीं ।

मदिर मृदुल मुस्कान सलौनी, नयनन ही छलका जाती थीं ,

अक्सर जो दिल बोझिल होता ,आ चुपके सहला जाती थी ।


फिर आया बिछड़न का मौसम ,अपने थे पर गैर हुए तुम ,

छोड़ अकेले सघन वनों में ,प्रेम तलाशा बैर हुए तुम ।

तुमने तड़पाया जी भर कर ,पर यादें बहला जाती थीं ,

अक्सर जो दिल बोझिल होता ,आ चुपके सहला जाती थीं ।



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