यादें बन जाती हैं
यादें बन जाती हैं
बारिश की ये नन्ही बूंदें
अमृत बन जाती हैं
फूल मुस्काने लगते हैं
चिड़िया गीत सुनाती है।
जब काली घटा घिर आती है
फसल लहर -लहर लहराती है
बुझे हुए चेहरे पर
कलियाँ खिलने लगती हैं।
जब माटी से
सोंधी सोंधी खुशबू आती है
बारिश की ये नन्ही बूँदें
खुशिया लेकर आती हैं।
मन मयूर हो जाता है
डाली-डाली मुस्काती है
आँखों से सावन झरता है
जब याद किसी की आती है।
बारिश की ये नन्ही बूँदें
यादें बन जाती हैं।।
