वृद्धाश्रम
वृद्धाश्रम
वृद्धाश्रम पर लिखूं क्या
वृद्धाश्रम पर सोचूं क्या
जिनकी दिल में जगह होनी चाहिए थी
उनको आश्रम पहुँचाया गया है
जिनकी जिंदगी किसी को इंसान बनाते हुए कट गई
उनको यही आश्रम उपहार मिला है
इसका नया नाम है वृद्धाश्रम
वृद्धों का आश्रम
जो आज है, कल था और आगे भी रहेगा
फर्क यही है कि कल कोई,
आज कोई और फिर कोई और यहां रहेगा
यह वृद्धाश्रम एक प्रक्रिया है
जो आया है वह जाएगा
जो जन्मा है वह मरेगा
कोई घर, कोई रास्ता तो कोई वृद्धाश्रम में
समय रूकता नहीं यह रूकना जानता नहीं
जिसने आज किसी को पहुँचाया
सटीक समय पर वह भी यहीं पहुँचेगा।
