वफ़ा
वफ़ा
तू निभा ले साथ मेरा के वफ़ा से
दिल नहीं भर देखिए अपना दग़ा से
तू जुदा करना नहीं दिल से कभी भी
हाँ लगेगा जख़्म तेरी इस जुदा से
दूरियां यूं क्या बनाने से मिलेगा
प्यार बढ़ता है दिलों में राब्ता से
मांग कर रब से दुआ तू देख दिल से
के बदल तक़दीर जाती है दुआ से
प्यार से मिलकर हमेशा रह सनम तू
क्या मिलेगा यूं तुझे रहकर ख़फ़ा से
साथ मिल जाये वफ़ा से ही किसी का
मांगता है ये दुआ आज़म ख़ुदा से
आज़म नैय्यर