वफ़ा दे
वफ़ा दे
यूं रोज़ नहीं मुझे ज़फ़ा दे!
उल्फ़त से मुझे वफ़ा सदा दे
हर दिल से मिटे बू नफ़रतों की
ऐसी वो ख़ुदा यहां हवा दे
काटें न कभी दग़ा के देना
की फूल सदा वफ़ा भरा दे
आंखें न ख़फ़ा दिखा मुझे यूं
आंखें तू मुहब्बत की मिला दे
ग़म दूर हो जाए जिंदगी से
तू कोई मुझे ऐसी दुआ दे
लेनी है दवा ख़राब हालत
पैसे तू उधार कुछ ज़रा दे
आज़म को सुकून कुछ मिले है
कोई तू ग़ज़ल ऐसी सुना दे
