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शाह फैसल सुखनवर

Abstract Romance Fantasy

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शाह फैसल सुखनवर

Abstract Romance Fantasy

वो मुझे देख मुस्कुराया है

वो मुझे देख मुस्कुराया है

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उसके दिल में भी प्यार आया है

वो मुझे देख मुस्कुराया है


मैं समझने लगा हकीकत क्यों

उसने तो ख्वाब ही दिखाया है


हैं बहुत और भी हसीं चेहरे

तू ही तू दिल में क्यों समाया है


वो भी बेचैन है मेरी खातिर

आज उसने मुझे बताया है


मेरे दिल में खिले हैं गुल ही गुल

मेरा महबूब मिलने आया है


इंतिहा होगी क्या खुदा जाने

इक हसीना से दिल लगाया है


मैंने चाहा ही इतनी शिद्दत से

खुद ब खुद प्यार चल के आया है


इश्क ए दिल बेकरार था फैसल

थपकी दे प्यार से सुलाया है


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