वो हो गई पराई
वो हो गई पराई
जिसे जान से ज्यादा चाहा मैंने
हर वक्त उसकी हर बात माना मैने
जिसके साथ होने से हरपल खुशी आई
उसने ही आखिरी वक्त जुदा होते हुए कहा
अब वह हुई पराई
हम दोनों ने चाहा साथ होने का
पर उसमें भी जाति पाति की आई खाई
उसने जुदा होते हुए कहा अब वह हुई पराई
उसके गम में आजतलक हैं आंखों में रुलाई
वो हो गई पराई मै देता रहा दुहाई
वो हो गई पराई
उससे नाता टूटा जबसे सूखा बाँस
हुआ हूँ तबसे
ये कैसी आफत आई वो हो गई पराई
रात दिन तो गुजरता है पर मन कहीं ना लगता है
दिल बार बार ये कहता है
वो क्यूँ हुई पराई ?
