वक़्त
वक़्त
वक्त गुजारा है मैंने तेरे साथ
बड़ी शिद्दत से
अपने वक्त से लोगों को किनारा करके,
और आज तू मुझे छोड़ कर जा रही हैं
मुझे बेसहारा करके मुझे बेसहारा करके..
कुछ चंद खुशियां पाने के लिए इस दिल ए नादान को छोड़ कर तू
, आज कल इस शहर ए वफा में नया दिल ढूँढ रही हैं
, मेरे साथ उम्रो का वादा करके मेरे साथ उम्रो का वादा करके...
. मैं तो पहले भी तन्हा था
तूने क्यों गुजारा मेरे साथ थोड़ा वक्त
अपना वक्त ज़ाया करके
अपना वक्त ज़ाया करके....
मैं पहले अकेला जरूर था पर
एक चांद हुआ करता था क्या मिला
तुझे मुझे एक टूटा सितारा करके क्या मिला
तुझे मुझे एक टूटा सितारा करके...