लड़की की जबरदस्ती शादी/बर्बादी
लड़की की जबरदस्ती शादी/बर्बादी
उस बेचारी की खुशी ना जानी तुमने
अपने कलेजे के टुकड़े की डोर
किसी पराए के हाथ बांधी तुमने
आपके फैसले ख्यालात थोड़े उलझे हैं
उस बेचारी को थोड़ा और मौका दो
उसे भी तो अपने ख़्वाब बुनने हैं
क्यूँ उसे जबरदस्ती घुट-घुट कर
जीने के लिए मजबूर करना चाहते हो
क्यूँ उसे इतनी जल्दी अपनी छत्रछाया से
दूर करना चाहते हो
माना वक्त बलवान है पर वो मासूम
अभी नादान है
अभी मां बाप से दूर होकर जिम्मेदारियों
का बोझ वो सह नहीं पाएगी
बहुत रोएगी, शायद आपको कोसेगी भी
जब उसकी शादी हो जाएगी
कभी किसी के बहकावे में आकर
ऐसे बेतुके फैसले नहीं लिए जाते
आपका जबरदस्ती का जहर-ए-जुल्म
वो पीने के लिए राज़ी है और
अगर आपने उसकी मर्जी के बगैर
रिश्ता तय कर दिया,
तो चाँद दिल से लिख रहा है
उसकी शादी वाले दिन ही आधी बर्बादी है