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Moons Feeling

Tragedy

2  

Moons Feeling

Tragedy

मॉब लिंचिंग

मॉब लिंचिंग

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शहर में अनजान,नाम उसका अनजान   

वह जिन लोगों के बीच में फंसा वो थे इंसान के नाम पर हैवान

क्या बताऊं उन दरिंदों ने बुरी तरह उसको फांसा अपने पास

अभी तो शुरुआत हुई थी अभी थी उसकी आंखों में एक आस

कोई तो होगा भीड़ में जो उसे आकर बचा लेगा इन शैतानों को कोई तो जवाब देगा................


जिनसे थी उसकी आस सब ने भीड़ में खड़े होकर अपना हाथ लपेटा

अगर वो उस हालत में दे सकता जवाब तो उनके लात धूंसो का भी देता

पर उन दरिंदों का जुल्म बढ़ता गया

उसको मज़हब के नाम पर छेड़ा गया बस वो अंदर ही अंदर मरता गया................


किसी ने लात मारी तो किसी ने ताने

भीड़ में कुछ तमाशा देखने वाले भी हो रहे थे दीवाने

पर कुछ लोगों का दिल भी पसीज गया फिर भी वो बन रहे थे अंजाने, 

अब तो वो भी पूरा तमाशा देख रहे थे अपने हाथ बांधे

हैवान, शैतान, बुजदिल लोग उस पर वार पर वार कर रहे थे

कुछ लोग खड़े देख रहे थे, तो कुछ लोग उस पर पत्थर कंकर फेंक रहे थे............


जिसके साथ ये घटना बीती थी वो पहले सबके लिए अनजान था

बाद में कानूनी शिनाख़्त के बाद पता चला नाम उसका सुल्तान था

वह अपने घर का इकलौता चिराग था पर बेचारा वो उस दिन अपने घर कैसे लोटता

क्या बताऊं आंखें नम़ कर के लिख रहा हूँ उस दिन तो वहाँ जुलूस निकला था उसकी मौत का.....


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