वक्त - बेवक्त
वक्त - बेवक्त
मैंने वक्त बेवक्त तुझे याद किया
तूने सब के वक्त में उनका साथ दिया
मैं जिंदगी तेरे नाम करने जा रही थी
तूने सही वक्त पर मुझे मात दिया
चाहती हूँ तुझे भी पता चले कि
आखिर कैसा महसूस होता है
जब किसी और की तलाश में
कोई अपने वजूद को खो देता है
ये वक्त तेरा हो या मेरा हो
बस कदर होना तो जरूरी है
रिश्तो में प्यार की पहचान है कि
कुछ फिकर होना जरूरी है
अब दिल की आवाज है ये कि
मेरी दुआ भी कबूल हो जाए
तू भी कभी मेरी ही तरह
उन पुरानी यादों में खो जाए
फिर क्या,
मैं बीजी रहूँ तू फ्री हो जाए
काश ऐसा भी दिन आए
तुम बात करने की कोशिश करो
पर हमारी बात ना हो पाएं

