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आनंद कुमार

Inspirational

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आनंद कुमार

Inspirational

विजय या वीरगति

विजय या वीरगति

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जीतने की ज़िद ले कर आया हूं,

जीत कर ही घर वापस जाउंगा।


मां तुम थाल सजा कर रखना,

जिंदा आया तो तिलक लगाना।


अगर आया तिरंगे में लिपट कर,

 तो आखिरी बार गले से लगाना।

 

 शूरवीर था तुम्हारा बाप,

 ये मेरे बच्चों को जरुर बताना।

 

 विजय या वीरगति युद्धघोष के साथ,

 कभी सीखा नहीं है रण में पीठ दिखाना।

 

 देश के लिए ही लड़ते हुए जीना,

 देश की माटी के लिए ही मिट जाना।

 

 हंसते-हंसते वीरगति के पथ पर आगे बढ जाना है,

"विजय या वीरगति" दो शब्दों में जीवन कट जाना है।


जो कर रहे हैं हार का इंतजार,

उनको विजय का मुख दिखाना है।


तुम कायरों की तरह करो यहां मृत्यु का इंतजार,

मुझे तो वीरगति के पथ पर आगे बढ़ जाना है।



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