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डॉ0 साधना सचान

Classics

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डॉ0 साधना सचान

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वीरों का वसन्त

वीरों का वसन्त

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जब आये वीरों का वसन्त

केसरिया बाना पहन

माटी का तिलक लगाये

भारत माता की जय बोल

वो रणभूमि में जाये

देखें वीरता तब दिगन्त।

जब आये वीरों का वसन्त।।


माँ का आँचल न मैला हो

जब तक तन में जां बाकी हो

दुश्मन को धूल चटा दे

खेल खून की होली वो

शहादत पर गर्व उन्हें अपनी

उनकी गौरव गाथा अनन्त।

जब आये वीरों का वसन्त।।


तन काम देश के आ जाये

सर्वस्व न्योछावर कर जाएँ

भारत माता के सपूत वो

कफ़न ओढ़ कर सो जाएँ

तन मिट जाता है पर

कभी न होता उनका अंत।

जब आये वीरों का वसन्त।।


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