वीर
वीर
वीर जवानों का सदा, जग में हो गुणगान
पीर पराई जान के , करते सुख कुर्बान।
लाख दुआएं दीन की, लेकर चलते साथ
जन जन के हिय में सदा, रहता इनका मान।
बाँध कफ़न निज माथ पे, चलते हैं नित वीर
परहित को रहते सदा, इनके तरकस तीर।
वैरी का। मर्दन करे, बनके उनका काल
देख विषमता खोत वे, कभी न अपना धीर।