वीर उठो हे धीर उठो
वीर उठो हे धीर उठो
गाना- दूर हटो ए दुनिया वालों
फिल्म- किस्मत
आज हिमालय की चोटी से,
दुश्मन ने ललकारा है।
वीर उठो हे धीर उठो,
अब आया वक्त तुम्हारा है।
जन-जन की अब माँग यही है,
वीरों तुम संधान करो।
मिग मिराज और राफेलों से,
नापाकों पर वार करो।
जिसने आँख दिखाई हमको,
तार-तार कर उसका सीना।
चुन-चुन कर मारों तुम उनको,
करके एक खून पसीना।
भूल गए हैं कारगिल जो,
उनको याद दिलाना है।
पठानकोट और पुलवामा का,
बदला आज चुकाना है।
गलवान की घाटी को बनाया,
ड्रैगन ने नया निशाना है।
श्वेत धवल लद्दाख की जमीन,
पर करते हमला कायराना है।
और किसी ने कागज़ पर,
बदला देश का नक्शा है,
पर शायद वे भूल गए हैं,
हम पर गर आ जाये तो नहीं किसी को बख्शा है।
घात पर अब प्रतिघात करेंगे,
दुश्मन को उनकी औकात दिखेगी।
याचना नहीं अब रण करेंगे,
तब जाकर हर शहीद को सच्ची श्रद्धांजलि मिलेगी।
आज वक्त की मांग यही है,
दुश्मन न बच के जाने पाये।
तब न होगी कोई हिमाकत,
और न ही कोई आँख दिखाये।
आज हिमालय की चोटी से,
दुश्मन ने ललकारा है।
वीर उठो हे धीर उठो,
अब आया वक्त हमारा है।
