सूर्य के उजाले में करना प्रकाशमान नवस्वप्न नवीन आशाएं हो विद्यमान सूर्य के उजाले में करना प्रकाशमान नवस्वप्न नवीन आशाएं हो विद्यमान
सदा बलवती रखें हम मन में आशाएं, निराशा के भाव कभी चित में न लाएं। सदा बलवती रखें हम मन में आशाएं, निराशा के भाव कभी चित में न लाएं।
आशाएं जब चूर-चूर हो जाती हैं दिल भी चूर-चूर हो जाता है काश! आशाएं ना कभी होती ! आशाएं जब चूर-चूर हो जाती हैं दिल भी चूर-चूर हो जाता है काश! आशाएं ना कभी ...
सब कुछ यूँ ही बना रहे और रही बने जग लालसा॥ सब कुछ यूँ ही बना रहे और रही बने जग लालसा॥
कहिं ऐ तो मृगतृष्णा की पल में ओझल पल में अटल प्रतिबिंब तो नहीं। कहिं ऐ तो मृगतृष्णा की पल में ओझल पल में अटल प्रतिबिंब तो नहीं।
भ्रष्टाचार मिटाने आए थे जो कहां गए सब ढूंढ रहे, राजनीति बदलने आए थे जो कहां गए सब ढूंढ भ्रष्टाचार मिटाने आए थे जो कहां गए सब ढूंढ रहे, राजनीति बदलने आए थे जो कहां ग...