हँसी तेरी पर, ओष्ठ हैं मेरे। दृष्टि तेरी पर, चक्षु हैं मेरे। हँसी तेरी पर, ओष्ठ हैं मेरे। दृष्टि तेरी पर, चक्षु हैं मेरे।
कभी मुस्कान बखान करती है, कभी कभी इत्मिनान भी करती है, कभी मुस्कान बखान करती है, कभी कभी इत्मिनान भी करती है,
तू अपने शुद्ध विचारों से सत्य का मार्ग थामे चल.. तू अपने शुद्ध विचारों से सत्य का मार्ग थामे चल..
कहिं ऐ तो मृगतृष्णा की पल में ओझल पल में अटल प्रतिबिंब तो नहीं। कहिं ऐ तो मृगतृष्णा की पल में ओझल पल में अटल प्रतिबिंब तो नहीं।
स्वर्ग का एहसास उसे वृक्षों के झुरमुट तले बारिश के आगमन में शिखिर को लगातार ताके स्वर्ग का एहसास उसे वृक्षों के झुरमुट तले बारिश के आगमन में शिखिर को लग...
शतरंज की हर चाल और उसके पीछे छिपा दिमाग, एक पहेली-सी होती है... शतरंज की हर चाल और उसके पीछे छिपा दिमाग, एक पहेली-सी होती है...