प्रतिबिंब
प्रतिबिंब
तुम जब से मिले, मेरे नयन खिले।
विटप मन के शत, पत्र हिले।
पाया तुझमें, निज को मैंने।
खोया तुझमें, निज को मैंने।
हँसी तेरी पर, ओष्ठ हैं मेरे।
दृष्टि तेरी पर, चक्षु हैं मेरे।
चाल तेरी पर, कदम हैं मेरे।
उम्मीद तेरी पर, स्वप्न हैं मेरे।
तुम बिंब मेरे, मैं प्रतिबिंब तुम्हारा।
तुमने आकर, जीवन है संवारा।
हृदय तुम्हारा, तुम हृदय के।
प्रियतम तुम बिन, तन-मन बहके।