विद्यार्थीयों का योगदान।
विद्यार्थीयों का योगदान।
हर देश के विद्यार्थी,
उसकी रीढ़ की हड्डी,
अगर विद्यार्थी होगा निपुण,
देश पे भविष्य होगा मेहरबान।
परंतु विद्यार्थी को निपुण बनाना,
है राष्ट्र की जिम्मेदारी,
राष्ट्र को देनी होंगी सुविधाएं,
जिसमें विद्यार्थी फल-फूल पाएं,
नये नये अनुसंधान कर पाएं,
और फिर उन्हें राष्ट्र की
तरक्की में जोड़ पाएं।
इन सब के लिए,
हमारे शैक्षिक संस्थानों में
चाहिए शांति,
विद्यार्थीयों और शिक्षकों के
अलावा न करे,
कोई दखल अंदाजी।
विद्यार्थी और शिक्षक में
ऐसा हो संबंध,
दोनों में तालमेल हो सदृढ़,
शिक्षक प्रस्तुत करें अच्छा उदाहरण,
जिसका विद्यार्थी अनुसरण
करने से न हिचकिचाए।
राष्ट्र को चाहिए,
हर बात पे विद्यार्थियों की लें राय,
उसका राष्ट्र निर्माण में उपयोग करें।
जिससे विद्यार्थी,
राष्ट्र निर्माण के प्रति सजग होगा,
और आने वाला भविष्य सुरक्षित होगा।
