विचारों की आंधी
विचारों की आंधी
विचारों की आंधी में
विचारशून्य से हम
ढूंढ रहे हैं
अपना ही घर
और पूछ रहे हैं
आने जाने वालों से
अपना ही पता।
अपनी इस विचारशून्यता में भी
हम सक्रिय हैं
अनमने से दिखते हुये भी
सक्रिय हैं जीवन के सफर में
अपने घर लौटते हुये।
उम्मीद हैं घर पर
कुछ होगा नहीं
मेरे खुद के सिवाय
क्यों हम लूटे जा चुके थे
कुछ बलात,कुछ ठगे से
और शेष बचे हुयेअपने साथ
अपने घर के सफर में।
