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Nishant kumar saxena

Abstract

4.5  

Nishant kumar saxena

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वही भला मानस है।

वही भला मानस है।

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सत्य के कंटीले मार्ग पर चलने का,

अधर्म से लड़कर धर्म का अनुसरण करने का,

जिसमें साहस है, 

वही भला मानस है।


वह उदार! 

समाज में शांति हेतु क्रियाशील है।

समरसता व एकता के प्रति गंभीर है। 

जिसके मन, वाणी, कर्म से कोई ना आहत है।

वही भला मानस है।


वह धर्मात्मा! 

किसी को देख जलता नहीं। 

किसी से द्वेष करता नहीं। 

घृणा का कोई तत्व उसके आसपास से गुजरता नहीं।  

अवसर मिलने पर भी धन का गबन 

या घोटाला करता नहीं।

तामसी, नशीले पदार्थ,

ना बेचता है, ना बनाता। 

स्वयं अपराध से दूर रह, 

कानून का साथ निभाता। 

विश्वासघात जिसके रक्त में नहीं, 

वचन निभाना जिसकी आदत है।

वही भला मानस है।


वह न्यायकारी! 

यदि अधर्मी उसका सगा भाई हो तब भी!

वह स्वयं न्यायाधीश हो तब भी! 

उसे दंड अवश्य दिलबाता है। 

आवेदन प्रक्रिया में, 

जिसे अपनी योग्यता पर विश्वास है।  

घूस देकर किसी की नौकरी नहीं छिनबाता है। 

अहिंसा के व्रत पर अडिग, 

केवल आत्मरक्षा के लिए ही शस्त्र उठाता है।

जिसका आचरण उज्ज्वल, चरित्र पावन है। 

वही भला मानस है।

  

वह निष्पाप! 

रिश्वत की आस नहीं रखता। 

दूध में पानी की,

ठगी, चोरी, बेईमानी की 

कल्पना भी नहीं करता।

परमात्मा ब पापों से डरने वाला, 

स्पर्श से सोना कर देने वाला, 

जो बहुमूल्य पारस है। 

वही भला मानस है।

 

वह पुण्यात्मा! 

धर्म के नाम पर धंधा नहीं, 

दया के बहाने झूठ बोलकर, 

लेता दान, भीख या चंदा नहीं।  

लिया उधार समय पर निपटाना, 

पराए धन का लोभ मन में ना आना, 

राष्ट्र की संपत्ति को क्षति ना पहुंचाना, 

नेक नीति ही जिसकी सच्ची ताकत है। 

वही भला मानस है।


वह परमार्थी! 

दहेज नहीं मांगता।

किसी का बुरा नहीं करता ना चाहता।

परिवार की उन्नति में,

समाज की प्रगति में,

भूमिका निभाता।

वृद्धों की सेवा, अतिथियों का आदर

मां पिता बड़ों का सम्मान। 

पत्नी को अपार प्रेम,

बेटा बेटी जिसके लिए एक समान।

संस्कारों में जिसके बसता भारत है। 

वही भला मानस है। 



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