STORYMIRROR

Shweta Chaturvedi

Romance

4.8  

Shweta Chaturvedi

Romance

वहाँ तुम, तुममें हम

वहाँ तुम, तुममें हम

1 min
29.2K


सफ़र में तुम थे 

और चल मैं रही थी,

धुँद की चादर में सिमटी 

फ़ज़ाओं सी, ढल मैं रही थी..


लर्ज़ां के तेरे ज़िस्म को 

गुज़री जो सर्द हवा की नज़्म 

तुमसे मिलने की ख़्वाहिश में

दीवानी सी, मचल मैं रही थी..


तेरी नज़रों के आफ़ताब में

जो रौशनी और ह़रारत सी थी 

थामे आग़ोश में एक जहाँ

बर्फ़ सी, पिघल में रही थी.. 


तुम जो आओ तो 

साथ मुझे वैसे ही लेते आना 

जो आश्ना थी, तेरी सीने में

चाहत सी, पल में रही थी ..


#love


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance