तेरी नज़रों के आफ़ताब में जो रौशनी और ह़रारत सी थी थामे आग़ोश में एक जहाँ बर्फ़ सी, पिघल में रही... तेरी नज़रों के आफ़ताब में जो रौशनी और ह़रारत सी थी थामे आग़ोश में एक जहाँ बर...