रंग लाल
रंग लाल
रज से सृजन
रज प्रकृति का विधान है,
स्वंय स्त्री प्रकृतिस्वरूपा है
मुझे मेरे स्त्रीत्व पर अभिमान है..
हाँ बहता है रक्त लाल
मैं रजस्वला हूँ, अपवित्र नहीं
रंग लाल पावन,
मुझे मिला एक वरदान है
माथे की बिंदी सा,
रंग लाल रज का, मेरा सम्मान है..
नहीं सिखाया मैंने मेरी बेटी को भी
इस बात से लजाना,
लग जाये रंग लाल कपडे पर
तो बिटिया नज़रें मत झुकाना
रंग लाल प्रकृति से मिला
हम सबका मान है ..
कह देना हाँ, मुझे मेरे स्त्रीत्व पर अभिमान है!