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Shailaja Bhattad

Abstract Inspirational

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Shailaja Bhattad

Abstract Inspirational

उत्सव प्रभु राम का

उत्सव प्रभु राम का

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उत्सव है प्रभु राम का, प्रपत्ति प्रभु राम की।

समर्पण भक्ति भाव का,अभिलाषा अनुराग की।


नित्य कृपा से है प्रकाशित, दृष्टि इस संसार की।

अनुरागी है आचरण शरणागति श्री राम की।


राम ही सत्य राम ही तथ्य राम ही तो कथ्य है।

राम का वरद हस्त जीवन की सामर्थ्य है। 


वाद्यों के नाद में शब्दों का निनाद है।

लक्ष्य साध रहे हैं बंधु नहीं अंतर्नाद है। 

सरल सहज जीवन कर ले, ज्ञान ध्यान भक्ति से भर ले।

महती कृपा हो जाएगी मोक्ष चाबी मिल जाएगी।


भजन का दृढ़ नियम करले सेवा में दृढता को भर ले।

निस्पृहता से सुहासित होकर मन उदात्त कर चिंतन कर ले।


ज्ञान-ध्यान के प्रताप से जीवन है सुंदर संतुलित।

निष्काम कर

्म से मिलते हैं अक्षय पुण्य अतुलित।


अलख प्रेम की जोत जगेगी प्रभु कृपा बरबस होवेगी।

सुख समृद्धि सुयश से इत्र-सी हर दिशा महकेगी।

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राम नाम महामंत्र से मन को मिलती ठंडी छाँव

मन कर्म वचन से संभले रहते भक्तों के पाँव। 

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श्रवण करते दूर विकार मान-अपमान का नहीं विचार।

जन-जन करते धर्म प्रचार तन-मन से रखते शुद्ध आचार।

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जीवन की बगिया का हर फूल सुगंधित लगता है।

अद्भुत रंगों से हर जीवन सोच-समझकर रंगता है।

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सागर की लहरें रामधन सुनाती है।

सरयू सबको विग्रह तक पहुँचाती है।

प्रभु राम के दिखते ही आत्मबल प्रबल हो जाता है।

गुलाब के बागों-सा मनमोहक दृश्य बन जाता है।



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