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S Ram Verma

Romance

4  

S Ram Verma

Romance

उष्णता !

उष्णता !

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जब तुम नहीं होते 

पास मेरे 

तब ये ठंडी हवा भी 

पास मेरे 

आकर बिलखती है।

 

पास मेरे 

जो दीवार धुप में तपकर 

जल रही होती है 

वो ठंडी हवा उस दीवार 

से टकराकर 

उष्णता से भर लौट आती है 

पास मेरे।

  

जब तुम नहीं होते 

पास मेरे 

प्रकृति की नैसर्गिक 

क्रियाएँ भी बदल  

जाती है आकर के 

पास मेरे !


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