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Sarita Kumar

Romance

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Sarita Kumar

Romance

उसकी नजर

उसकी नजर

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देखा जो पहली बार मैंने 

उसकी नज़र से नज़र मिला के 

आज तक हटती नहीं नज़र मेरी वहां से 


शहर दर शहर बदला था हमने 

मगर मेरी नज़र में अभी तक गली उसकी 


वो दरिचा, वो दरवाजा, वो कनेर का पेड़ 

अभी तक बसा है मेरी नज़र में


उसकी नज़र में जो उलझी नज़र मेरी 

हम खुद से हाथ धोकर उसी के हो गए 


कहते हैं लोग नज़र उसकी ही लगी है 

काबिल बहुत थे हम, अब बेकार हो गये 


नज़र उसकी बुरी नहीं थी, खता हमसे हो गई 

डूब गए थे उसकी नज़र में बिन इजाजत लिए उसके 


अब खो गये उसकी नज़र से नज़र मिला के ....

और उसने अपनी नजरों में लेंस चढ़वाया है 


कैद हो गये हैं उसकी नज़र में नज़र मिला के ।


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