पीत वर्ण बृहत आकार अद्भुत सुंदर। पीत वर्ण बृहत आकार अद्भुत सुंदर।
उसकी नज़र में जो उलझी नज़र मेरी हम खुद से हाथ धोकर उसी के हो गए उसकी नज़र में जो उलझी नज़र मेरी हम खुद से हाथ धोकर उसी के हो गए
देखो ना कैसे…. उस कनेर पर लिपटी मुझे ही चिड़ा रही है देखो ना कैसे…. उस कनेर पर लिपटी मुझे ही चिड़ा रही है
तितलियां, अब कहीं नहीं दिख रहीं श्रृंगार विहीन हुआ, सारा वितान।। तितलियां, अब कहीं नहीं दिख रहीं श्रृंगार विहीन हुआ, सारा वितान।।