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Mayank Kumar

Tragedy

2  

Mayank Kumar

Tragedy

उसकी बातें सारी ससुरी

उसकी बातें सारी ससुरी

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उसकी बातें सारी ससुरी

उसकी रातें सारी ससुरी,


मुझको ना कभी सोने देगी,

मुस्कुराकर सब खुशियां लेगी,

उसकी सब बेढंगी शर्ते,

मुझको ना अब जीने देगी ,

उसकी बातें . .


हो हल्ला का दौर गजब था,

नेताओं-सा शोर गजब था,

लड़ते थे हम दोनों आपस में,

फिर भी हमारी बोल अज़ब था

सत्ता में रहने के ख़ातिर,

हम दोनों में प्रेम गजब था ,

उसकी बातें . .


हमसे वे घंटों बातें करती

फोन को ही मेघदूत समझती

इश्क़ की सारी बरसातों से,

पल भर में मुझको भिगोती ,

उसकी बातें . .


पल भर में ही प्यार छिड़कती,

बेवजह मुझ पर भड़कती . .

विद्योत्तमा-सा मुझसे बातें करती

कालिदास-सा मेरी हालत करती

अंत में जो होना था वही हो गया

प्रेम कहानी सब खत्म हो गया

आधुनिक युग का कालिदास मैं बन गया

आधुनिक युग का विद्योत्तमा वह बन गयीं

हम दोनों का ब्रेकअप हो गया

राम कहानी सब खत्म हो गया ,

उसकी बातें . .


बड़े साहेब की लाडली थी वो,

अंग्रेजों-सा पली-बढ़ी थी,

सभ्यता-संस्कृति सब उसकी,

इंग्लिश वालों जैसी थी

हम थे भईया ठेठ भारतीय

किसान के घर में जन्मे थे,

विरासत के तौर पर हम,

त्रेतायुग-सा सभ्यता-संस्कृति लिए हुए थे,

उसकी बातें ..


ना मैं उसका जेंटलमैन बन सका,

ना वह मेरी सीता बन सकी,

ना मैं अपनी संस्कृति छोड़ सका ,

ना वह अपनी झूठी सभ्यता बदल सकी

उसकी बातें ..


अंत में जो होना था वही हो गया

उसका जेंटलमैन उसको मिल गया

मेरी इश्क की हत्या करके,

उसके कलेजे को ठंडक मिल गया ,

उसकी बातें ..


कुछ समय पश्चात बीच सड़क पर

मुझे उसका जेंटलमैन मिल गया,

अपने इश्क का सारा भाव कह गया,

रोते-चिल्लाते अपना सिर पटक गया,

क्योंकि उससे उसका डिवोर्स हो गया ,

उसकी बातें ..


उसकी दशा को देखकर मैं

इतना बस कह सकता हूं,

कालिदास का विद्योत्तमा

उस युग में सबसे अच्छी थी,

पति के उद्धार के लिए

कुछ कड़े कटाक्ष सही की थी,

और उस कटाक्ष के बलबूते ही

राष्ट्र को महाकवि सौंपी थी,

लेकिन, आधुनिक युग की विद्योत्तमा

बिल्कुल उनसे विपरीत थी ,

उसकी बातें ..


उस जेंटलमैन के आंखों में आंसू देख

इतना ही मैं बोल सकता हूं,

महान है भारतीय संस्कृति,

जहां मैं जन्मा हूं,

जो मुझे आधुनिक युग की विद्योत्तमा,

के चंगुल से बचा निकाली

मुझे छोटा-मोटा ही सही,

पर एक कवि बना डाली,

तरस आती उस जेंटलमैन पर,

जो भारत का होकर भी न हो सका,

आधुनिक विद्योत्तमा के चक्कर में,

देवदास बन तिल-तिल मर रहा ।


उसकी बातें सारी ससुरी

उसकी रातें सारी ससुरी



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