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कुमार अविनाश (मुसाफिर इस दुनिया का )

Romance Tragedy

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कुमार अविनाश (मुसाफिर इस दुनिया का )

Romance Tragedy

उसका साथ ना मिला

उसका साथ ना मिला

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जिसे चाहा था, उसका साथ न मिला

मेरी तरफ बढ़े प्यार से, वो हाथ न मिला


मैंने तलाशा तो हसीं बुत कई मिल गए

मेरे दर्द को अपना कहे, वो जज्बात न मिला


हसरतों को हासिल नहीं कुछ अश्कों के सिवा

तमन्ना ढूँढकर हारी, हँसी का सुराग न मिला


दिल का आलम हो कि खिजाँ का मौसम

उड़ते परिंदों को सब्ज कोई शाख न मिला।


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