उसका साथ ना मिला
उसका साथ ना मिला
जिसे चाहा था, उसका साथ न मिला
मेरी तरफ बढ़े प्यार से, वो हाथ न मिला
मैंने तलाशा तो हसीं बुत कई मिल गए
मेरे दर्द को अपना कहे, वो जज्बात न मिला
हसरतों को हासिल नहीं कुछ अश्कों के सिवा
तमन्ना ढूँढकर हारी, हँसी का सुराग न मिला
दिल का आलम हो कि खिजाँ का मौसम
उड़ते परिंदों को सब्ज कोई शाख न मिला।