STORYMIRROR

Jeet Baral

Fantasy

4  

Jeet Baral

Fantasy

उस पार

उस पार

1 min
325

चल मांझी ले चल मुझे उस पार

दूर है प्रदेश निकाल ले पतवार


है सुनहरी धूप अभी माना

और मौसम भी है सुहाना


बिन प्रिया'ये सब है बेकार

चल मांझी ले चल मुझे उस पार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy