किताब
किताब
है तमन्ना यही बन जाऊं मैं एक किताब
रख लूं समेटे हर प्रहर -प्रहर का हिसाब
रह न जाए कहीं कोई पन्ना खाली
लिख लूं मैं सारे जहां का इतिहास
बन जाऊं मैं एक किताब
सुबह का सुरज शाम का सितारा
और एक नये कवि का प्रयास
बन जाऊं मैं एक किताब
अखंड सा काव्य संग्रह
या खंडित हो अध्याय
शुर-वीरों का करता गान
बन जाऊं मैं एक किताब
प्रीति की होगी नई भाषा
और उसमे मित्रता की अनोखी परिभाषा
प्रेम पर हो जिससे अटूट विश्वास
बन जाऊं मैं एक किताब
हो ज्ञान का पिटारा और
विज्ञान का सहारा जहां
हो प्रगति बेहिसाब
बन जाऊं मैं एक किताब।