उनकी वो हरकतें
उनकी वो हरकतें
हैरान कर जाती है मुझे हर बार
आपकी हरकतें समझ नहीं आतीं हैं
कि मैं आपका शुक्रिया करूँ या फिर
आपकी उन प्यारी-प्यारी हरकतों
पर मेरा मन करता था कि,मैं
खुशी से आपके गले लग जाऊँ ।
पर हालात ऐसे होते थे कि,
मैं मुस्कुरा कर रह जाती थी।
आज भी जब मैं गली के उस मोड़ से गुजरती हूँ,
तो याद आता है कि कैसे आप
अचानक से मुझे दिख जाते थे,
और मेरा मन करता था कि
खुशी से आपके गले लग जाऊँ ।
पर हालात ऐसे होते थे कि,
मैं मुस्कुरा कर रह जाती थी।
जब पहली बार अकेली मैं
शहर से बाहर गयी थी तो,
मेरी परीक्षा खत्म होते ही
आप मुझे मेरे सामने दिखे थे,
मेरी खुशी दुगुनी हो गयी थी,
पर हालात ऐसे होते थे कि,
मैं मुस्कुरा कर रह गयी थी।
याद है मुझे वो देर रात को
आपका अपने दोस्तो के साथ
मेरे खिड़की पर चुपके से आकर
मेरा नाम लेना, और मैं पागल
डर कर जोड़ो से कूद गई थी
और आप भी डर के भाग गए।
जब आप मुझसे झूठ बोल कर
परीक्षा खत्म होते ही उतने दूर से
मुझसे मिलने,मुझे एक झलक देखने
यहाँ आ जाया करते थे,जबकि
आपको दूर का सफर तय करना ,
जरा सा भी पसन्द नहीं था।
मुझसे झूठ कहते थे कि
आपके भाई मेरे लिए कुछ
लेकर आये हैं, और मै भी
आपकी बातों को सच समझ
चली जाती उस जगह पर
पर वहाँ वो नहीं आप होते थे
आपकी उन प्यारी-प्यारी हरकतों
पर मेरा मन करता था कि,मैं
खुशी से आपके गले लग जाऊँ ।
पर हालात ऐसे होते थे कि,
मैं मुस्कुरा कर रह जाती थी।

