उन्हें हम पर नहीं है यकीन फिर हमें उन पर क्यूं है?
उन्हें हम पर नहीं है यकीन फिर हमें उन पर क्यूं है?
बह रहे हैं पानी की तरह
उन्हें लगता है हमारा सफर ही कुछ यूं है
उन्हें हम पर नहीं है यकीन,
फिर हमें उन पर क्यूं है?
उनके अनकहे नयन बहुत कुछ कहते हैं मुझसे,
जैसे वर्षों से वो मुस्कुराना भूल गए हैं
बेवजह कोशिश करते हैं उन्हें हंसाने की
क्यों उनकी एक मुस्कान के लिए तरस गए हैं?
उन्हें परवाह नहीं है मेरी,
फिर हमें उनकी फिकर क्यूं है?
उन्हें हम पर नहीं है यकीन
फिर हमें उन पर क्यूं है?
बिखर नहीं सकते वो हवा के झोंके से,
वह अपनी राहें खुद बनाते हैं,
खुद बेबाक होकर जीतें है,
दूसरों को बेबाक होकर जीना सिखाते हैं,
हाथों की लकीरों में नहीं वो,
फिर दिल की गहराइयों में क्यूं है?
उन्हें हम पर नहीं है यकीन
फिर हमें उन पर क्यूं है?

