तेरा साथ
तेरा साथ
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तुम नहीं तो साथ सारे होंठों पर ही रुक गये है,
तुम नहीं तो मीत मेरे रंग मुझ पर हँस रहे हैं,
आंखों में है अश्रु जल मुस्कान अधरों पर दिखेगा,
साथ जब से मेरे प्रियतम तेरा मुझसे छूट गया है।
इस जमीं से आसमां तक तेरा मेरा एक जहां था,
चांद तारे जुगनुओं से रोशनीमय क्या समा था,
आंखों के काजल नयन में ही रुके ना,
नेह तेरा जब से मुझसे लुट गया है।
साथ जब से मेरे प्रियतम तेरा मुझसे छूट गया है।
तुमने कहा था साथ होंगे एक नहीं सातों जनम तक,
सुख और दुख को बांट लेंगे फिर ना होगा कोई भी गम,
रोशनी रोशनी नहीं कर पाए पर को,
जबसे मेरे प्रियतम मुझसे रुठ गए हैं।
साथ जब से मेरे प्रियतम तेरा मुझसे छूट गया है।