कैसे तुझे बताऊं मै
कैसे तुझे बताऊं मै
कैसे तुझे बताऊं मै कितना तुझको चाहूँ मैं,
तेरे बिन सूना है अब ये सारा नज़ारा।
नींदों में जो सपनें है सपनों में बस तुम ही तुम,
चारों तरफ तेरी खुशबू रंगी शमां है सारा।
दिल की खिड़की खोलूं तो तुम ही तुम हो मुस्काते,
सुबह दोपहर शाम ना समझो छेड़ के तान चले जाते,
नयनों की तुम प्यास बन गये मन की तुम अरदास बन गये,
खो जाऊं मैं तुझमें भूल के ये जग सारा.
कैसे तुझे बताऊं मै कितना तुझको चाहूँ मैं,.......
दूरी का एहसास नहीं हर वक्त साथ में रहते हो,
तुझसे कोई आस नहीं फिर जानें क्यों डरते हो,
जीवन का संगीत बन गये मन के तुम अब मीत बन गये,
बिक्री रोशनी तेरी हुआ प्रखर अंधियारा,
कैसे तुझे बताऊं मै कितना तुझको चाहूँ मैं।