उम्र
उम्र
ये सलवटें कैसी, ये कैसे हैं निशां
ये धुंधली सी सूरत :; कयूँ है परेशां,
ये उम्मीद ; ये क्यासें कैसी
किस से शिकायत ; कयूँ कर मजबूरी,
मजबूत दरख़्त में ये कयूँ पडी दरार
देखते ही देखते खुशनुमा जिंदादिली मेरी
बस हो गयी उमरो -हालत की शिकार,
इन सवालों का गणित मुश्किल नहीं है यारों
ये तो बस अब तक" जी हुई " उम्र है प्यारों !
