उम्र ऐसे ही कट गई
उम्र ऐसे ही कट गई
हमारी खेलने की उम्र कमाने में कट गई
बाकी बची थी जो उसे पाने में कट गई.
कोई लगा के दाम हमारा फूल ले गया
और मेरी सुबह ओ शाम खिलाने में कट गई.
अगले जनम करेंगे, जो करना था इस जनम
ये ज़िंदगी तो शे'र सुनाने में कट गई.
हर दिन हमारा बस तिरी यादों में कट गया
हर रात तेरे ख़्वाब सजाने में कट गई.
आँखों का तेरे बा'द नज़ारा चला गया
आवाज़ भी ये तुझको लगाने में कट गई.
मैं भी तो अपनी हद से न आगे बढ़ा कभी
उसकी भी उम्र प्यार जताने में कट गई.