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Natawar Singh Dewal

Romance

3  

Natawar Singh Dewal

Romance

उल्फ़त आज भी है

उल्फ़त आज भी है

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जो रूसवायी थी मेरी उल्फत में

तेरे क़दमों की आहट का इंतज़ार आज भी है,


रातें कटती थीं करवटें बदलने में 

पागलपन सी वो मेरी हालत आज भी है,


किसी और के तसव्वुर को उठती नहीं

बेईमान आँखो मे थोड़ी सी शराफ़त आज भी है,


चाह के एक बार चाहे फिर छोड़ देना तू, 

तुझे दिल तोड़ जाने की इजाज़त, आज भी है,


जो चाहत थी दिल में बसी मेरे

वो तुझे चाहने की चाहत ,आज भी है।।


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