मोहब्बत
मोहब्बत
मेरे ख़्वाबों की परी की जवानी थी तुम,
हीर-रांझा के पाक प्रेम की कहानी थी तुम,
मोहब्बत के पैग़ाम की निशानी थी तुम
अपने आप में सबूत तूम ही थी कुदरत के नूर का,
वैसे तो दुनिया के दस्तूर से कोई वास्ता नहीं था मेरा,
लेकिन पहली नज़र के प्यार की गुस्ताखी थी तुम।
