STORYMIRROR

Kusum Lakhera

Fantasy Thriller

4  

Kusum Lakhera

Fantasy Thriller

उड़नतश्तरी और एलियन

उड़नतश्तरी और एलियन

1 min
283

विचित्र किंतु सत्य था !

आँखों देखा तथ्य था !

मेरे घर के सामने एक अद्भुत घटना घटी !

मेरी नजरे मानो रह गई फ़टी की फटी !


देखती हूँ खिड़की से कि एकाएक बाहर,

नीली बैंगनी रोशनी सी बिखरने लगी

मानो मुझे लगा कि उड़नतश्तरी कोई आसमां से

नीचे की ओर उतरने लगी

ये दृश्य देखकर मानो मेरे दिल की धड़कन बढ़ने लगी !


मन ही मन प्रश्नो की हो रही थी बौछार कि,

अब धरती पर उड़नतश्तरी से निकलेंगे हथियार !

कि अब मनुष्य पर करेंगे एलियन प्रहार कि

तभी एक छोटा सा एलियन बाहर आया और,

उसने न जाने किस आवाज़ में शोर मचाया कि,

मेरे घर की बिल्ली उसके सामने आ गई

और देखा कि वह भी एलियन से किसी भाषा

में बात थी कर रही


ये देखकर तो मैंने अपना सर ही पकड़ लिया

कि हे ईश्वर मेरे घर एक बिल्ली के रूप में,

 एलियन को क्यों भेज दिया ?

कि तभी एक धमाके की आवाज़ हुई !

और मैं भी चिल्ला पड़ी

मेरी नींद भी थी खुल गई

ओह वह सपना था

जिसे देखकर मैं घबरा गई थी

मुझे फ़िर भी यही लग रहा था कि

जो मैंने देखा वह सच ही था कोई सपना नहीं था !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy