उदासी
उदासी
वो गैर नहीं
वो भी मेरा ही हिस्सा है
बिना जिसके
मेरे अस्तित्व का ना कोई किस्सा है
अक्सर मुझको मुझसे मिलाती है
कहीं ना कहीं मेरी हिम्मत तो बढ़ाती है
कुछ किया है ये अपने अंदाज़ में बताती है
नुकसान हो या पीछे छूटे कोई अध्याय
आकर कानों में फुसफुसाती है
यही तो है... जो फिर कुछ करने को उकसाती है
ठहराव और बदलाव इसी की साजिशें हैं
जो रह- रहकर मुझे जगाती हैं
देखा जाए उदासी अपना रंग बखूबी निभाती है
अक्सर रोने से पहले ही चली आती है
और आंसूओं की कीमत बताती है
महज़ उदासी दोस्त ही नहीं बल्कि
जीवन में निखार भी लाती है !