कुछ बातें करें
कुछ बातें करें
चलो आज कुछ बातें करें
फुर्सत के लम्हों से नाते करें
कभी मौन तुम रहो, कभी मैं रहूं
दिलों की रियासतें लुटाते रहें
फिक्र को छोड़ दें किसी धुएं की तरहां
खिलखिलाकर हर जिक्र अपने करें
कभी बेहिचक तुम कहो, कभी मैं कहूं
एहसासों की नज़ाकत को समझते रहें
साथ की आरज़ू बेशुमार पनपा करे
जज़्बातों की खुशबू पहलू में महकती रहे
कभी सहारा तुम रहो, कभी मैं रहूं
ताउम्र ये सिलसिले यूं ही चलते रहें
दूरियों से सीखें नजदीकियों के मायने
पल भर में सब गिले शिकवे भुलाया करें
कभी माफ तुम करो, कभी मैं करूं
ज़िंदगी के सफ़र को प्रेम से निभाते रहें !