तू राधा सी
तू राधा सी
जो मैं बनूं नंद किशोर
तू बन जाना राधा सी
नित निहारू मैं तुझे
बन कर तेरा ब्रजवासी
तू आना सोलह श्रृंगार में
आँखें तेरे दर्शन की प्यासी
मेरे नाम से पहले नाम तेरा लें सब
ये सखी सहेली हरी बंसी हरी दासी
मैं लिपटा रहूं चंदन पे सर्प सा
तू ही मेरी मथुरा तू ही मेरी काशी
जो मैं बनूं नंद किशोर
तू बन जाना राधा सी

