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Priyanka Jhawar

Romance

4.5  

Priyanka Jhawar

Romance

तू मुझे कबूल, मैं तुझे कबूल..!

तू मुझे कबूल, मैं तुझे कबूल..!

1 min
11.5K


यूं तो इस गुलिस्तान में, खिले हैं कई गुल।

जिस पर मेरा दिल आया है, तू है वहीं फूल।।


तुझे खिलखिलाया देखकर, मैं मुस्कुराती हूं।

तुझे मुरझाया देखकर, मैं उदास हो जाती हूं।।


तेरे आस-पास घूम कर, मैं उड़-उड़कर इतराती हूं। 

तुझे बार-बार चूमकर, मैं छुप-छुपकर शरमाती हूं।।


देती हूं तुझ पर पहरा इसलिए बस, कि कहीं ले ना जाए कोई तुझको तोड़।

कहती हूं सच मैं हो जाऊंगी निरस, जो तू कहीं चला जाए मुझ को छोड़।।


दिन मेरा गुजरता है, तेरे पास मंडरा कर और करके तुझ से बात।

सुबह फिर तुझ से मिलूंगी, यही सोच कर कटती हैं मेरी रात।।


सुबह होते ही, मैं फिर उड़-उड़ आती हूं तेरे पास।

तू मेरे इंतजार में खड़ा होगा वहीं, होता हैं मन को मेरे विश्वास।।


दुनिया कहती हैं हमें, अजब सी जोड़ी- मैं तितली तू फूल।।

दुनिया से क्या लेना हमें, जब तू मुझे कबूल और मैं तुझे कबूल।।


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