तू ही हमारा प्यार है
तू ही हमारा प्यार है


फागुन सी बौछार है
अस्तित्व का उपहार है
बहके ना कैसे हम याराँ
तू ही हमारा प्यार है।
तू ही मन का मीत है
जीवन का संगीत है
हम तो केवल प्रेमी हैं जी
तू ही हमारा तीर्थ है।
जीवन केवल वर्तुल था
अब नर्तक सा जीवन है
पिंजरे का इक पंछी था
अब तुझ सा आकाश है।
हम तो हैं इक जर्रा केवल
तू ही हमारा कुटुंब है
प्रेम के पिपासु का
महाचेतन महाकुम्भ है।
अस्तित्व फिर सिमट कर देखो
रास रचाने आया है
सदियां सिमट कर झूम उठी है
तुझ पर ही प्यार आया है।।
हम तो बस तुझे देख के खुश
दुनिया एक छलावा है।