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Ayush Kaushik

Romance

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Ayush Kaushik

Romance

तू है मेरी

तू है मेरी

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सोया था में सालों से, भूला था मैं खुद को, एक रोज़ मिली तुम तो जाना एक सच वो


कि

तू है मेरी, कि

तू है मेरी


सांसे ये चलती थी, दिल भी धड़कता रहा, मिलकर तुम्हे जाना कि जीवन है कितना हसीन


कि

तू है मेरी, कि

तू है मेरी


न था कोई मकसद, न थी कोई मर्ज़ी, पाके तुझे मैंने ज़िद ये ही बना ली 


कि

तू है मेरी, कि

तू है मेरी


दिन थे और थी रातें, न थी कई बातें, सुनके तुझे जैसे निकले बस यही बातें


कि

तू है मेरी, कि

तू है मेरी


सरगम न कोई तराना, न था कोई गाना, पढ़के तेरा चेहरा अब आँखें मेरी गाये यही गाना


कि

तू है मेरी, कि

तू है मेरी।



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