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Deepak Tongad

Drama

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Deepak Tongad

Drama

तू बूँद-बूँद मुस्कुराती जाए

तू बूँद-बूँद मुस्कुराती जाए

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तू बूँद-बूँद मुस्कुराती जाए,

हर बूँद में अमृत बरसाती जाए।

तेरे बिन जान चली गई मेरी,

हर एक बूँद के लिये तड़पाती जाए।


कहते हैं जान बची लाखो पाये,

पर लाखों में तुम एक बूँद को ना बचा पाए,

एक दिन एक बूँद में अमृत बस जाएगा,

एक दिन एक इन्सान एक बूँद के लिये तड़प जाएगा।


जब धरती से एक बूँद खत्म हो जाएगी,

तब स्वभाविक है कि भगवान से,

प्राथना करोगे की हे भगवान,

क्या अब बारिश हो जायेगी ?


तब भगवान कहेगा जो तुम्हारे,

पास है उसे ही नहीं बचा पाए,

तो मेरे बरसने का क्या फायदा।।


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