तू बढ़ चल मगन बनता है तो सूरज
तू बढ़ चल मगन बनता है तो सूरज
बनता है तो सूरज सा बन,
उसकी प्रखर किरणों को कर नमन!
जीवन की दुरूह राह में ,
अपनी सुनिश्चित राह को चुन!
झंकार जीत की गूंज उठेगी ,
अगर जो तू मेहनत से तन!
बुजुर्गों का लेकर आशीर्वाद ,
बन जा तू भी पुत्र जैसे श्रवण!
अधिकार से पहले कर्तव्य कर ,
और बढ़ चल तू होकर मगन!
