फिर वर्षा की बूंदों से तपिश मिट जाती है फिर वर्षा की बूंदों से तपिश मिट जाती है
मैं भी खिला हूँ इसके बीच एक दिन तू भी खिलेगा मेरी तरह मैं भी खिला हूँ इसके बीच एक दिन तू भी खिलेगा मेरी तरह
मैं सूरज की किरणों - सी फिज़ाओं में झूम लूं मैं सूरज की किरणों - सी फिज़ाओं में झूम लूं
चंद्रमा की किरणों के साथ नदी की नक्काशी लाल हो रही है चंद्रमा की किरणों के साथ नदी की नक्काशी लाल हो रही है
नित नव रूप नव श्रृंगार नव सृजन करें नव दीप धूप पुष्प से नव आराधना करें नित नव रूप नव श्रृंगार नव सृजन करें नव दीप धूप पुष्प से नव आराधना करें
श्रेष्ठा संग खुशियां मनाये, अलग-अलग दुनिया के साथी, क्यों न खुशियाँ मनाये। श्रेष्ठा संग खुशियां मनाये, अलग-अलग दुनिया के साथी, क्यों न खुशियाँ मनाये।